"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


10 May 2011

Baba Sahab Ambedkar belonged to a Kabirpanthi Family - बाबा साहब अंबेडकर कबीरपंथी परिवार से थे

हैदराबाद के मेरे एक मित्र पुलि पांडु (Puli Padu) ने बताया था कि डॉ अंबेडकर आमतौर शाम के समय अपनी मस्ती में कबीर के भजन (शब्द) गाया करते थे. वे महार समुदाय से थे. यह एक योद्धा और जुझारू जाति रही है. क्या वे कबीरपंथी थे? इस बार भी विकिपीडिया के संदर्भ काम आए और पुष्टि हुई कि वे कबीरपंथी परिवार से थे. भारत के कबीरपंथी बुद्धिजीवी इस बात से गौरवान्वित महसूस करते हैं कि भारतीय संविधान पर मानवधर्म के जिन सिद्धांतों की छाप है उसके मूल में कहीं-न-कहीं कबीर की वाणी और दर्शन है. भारतीय संदर्भ में कबीरमत और उनसे प्रभावित अन्य धर्मों, संप्रदायों और मतों की शिक्षाएँ इस बिंदु की पुष्टि करती हैं. कबीर की शिक्षाएँ अमेरिका में पहुँच रही हैं. अस्सी के दशक में कबीर के नाम पर साहित्यिक दुकानें वहाँ खुलनी शुरू हो चुकी थीं.













1 comment:

  1. नई जानकारी है..
    कम लोग ही जानते होंगे ..आभार

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