"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


06 October 2012

DICCI - नौकरियाँ माँगने वाले नहीं, नौकरियाँ देने वाले बने


आपने FICCI (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) के बारे में पढ़ा और जाना होगा. यह भारत के उद्योगपतियों का एक मंच है जो परस्पर सहयोग की बुनियाद को मज़बूत बनाता है.

संभव है आप जानते हों, अन्यथा आज जान जाएँगे कि भारत के दलित उद्योगपतियों ने ऐसे ही एक मज़बूत मंच का गठन सन् 2005 में किया था जिसे DICCI (Dalit Indian Chamber of Commerce and Industry)  के नाम से जाना जाता है. इसका मिशन है- नौकरियाँ माँगने वाले नहीं, नौकरियाँ देने वाले बने (Be job givers, instead of job seekers)’. यह मंच अब काफी प्रगति कर चुका है और इसका अस्तित्व अब बंगलूरु, हैदराबाद और जयपुर में भी है.

नीचे दिए फोटो पर क्लिक करके आप DICCI के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

1 comment:

  1. DICCI के बारे में जानकार अच्छा लगा .

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