"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


05 October 2012

Megh community - Pioneer ladies - मेघ समुदाय - अग्रणी महिलाएँ


किसी समुदाय में नशे की लत महामारी का रूप लेने लगे तो यह बात चिंता का विषय बन जाती है. जालंधर में इसे देखा जा सकता है. बहुत से मेघ युवा नशे के तस्करों के हाथ की कठपुतली बन गए हैं और अपनी नशे की आदत नहीं छोड़ पा रहे. अपना और अपने परिवार का धन नशे की चीज़ों पर नष्ट कर रहे हैं. वे नहीं समझ पा रहे कि पैसा पहले नशे में जाता है और उसके बाद दवाइयों में. इस नशे की आदत से किसी को ढँग की मौत तक नसीब नहीं होती, जीवन की तो बात ही जाने दीजिए. दूसरे यह जान लेना चाहिए कि आपको जीवन जीने के लिए मिलता है जिसमें तस्करों की कोई रुचि नहीं होती. उन्हें केवल अपने और अपने बच्चों के लिए दौलत इकट्ठी करनी होती है, दूसरे लोग नालियों में मरें उन्हें क्या.

पठानकोट के पास सैली कुलियाँ गाँव है जो पंजाब और हिमाचल की सीमा पर है. सुनने में आया है कि यहाँ के लगभग शतप्रतिशत मर्दों को नशे की आदत है. बच्चे सुबह खेतों में जाते हैं और नशा करके आते हैं. इस स्थिति में यहाँ की महिलाओं का जीवन दुख और कष्टों से भर गया है. विधवाओं की संख्या काफी बढ़ गई है. घर चलाना कठिन है, पौष्टिक खाना नहीं मिलता, कई बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है. बड़े हो कर वे तरक्की कैसे कर पाएँगे?

ऐसी परिस्थितियों से तंग आकर यहाँ की मेघ महिलाओं ने एक साहस भरा कदम उठाया. इस क्षेत्र में सक्रिय शराब तस्करों को पहले उन्होंने चेतावनी दी और चेतावनी अनसुनी हो जाने पर तस्करों को माकूल सबक सिखाया जिसे मीडिया ने भली प्रकार कवर किया है (फोटो नीचे दिए गए हैं). रानी झांसी वूमन वेल्फेयर सोसाइटी, पठानकोट की अध्यक्षा सुश्री आशा भगत ने अपनी संस्था की ओर से इन साहसी महिलाओं का सम्मान किया.

पुरुषों के कुछ नाम हैं जिन्हें मेघों के अग्रणी कहा जा सकता था. अब मेघ समुदाय की अग्रणी महिलाओं की गतिविधियाँ और उनके नाम सामने आने लग हैं. इन नामों में सुदेश कुमारी, आशा देवी, वीना रानी, स्नेहा, ज्योति, शशि कुमारी, रानी, पूनम और निक्की के नाम जुड़ गए हैं. नक साहस प्रशंसनीय है. इन महिलाओं ने अपने परिवार के भविष्य के बारे में सकारात्मक सोच रखते हुए फैसला कर लिया कि आने वाले समय में ये अपने परिवार के नशेड़ियों को और उन्हें नशे की लत लगाने वालों को भी तुरुस्त कर लेंगी. इनके साहस और ज़ज़्बे को सलाम!!

इस महत्वपूर्ण घटना की विस्तृत कवरेज आप इन तस्वीरें पर क्लिक करके देख सकते हैं.




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