राजनीति
दुनिया के चार बड़े धंधों में
से एक है.
राजनीतिज्ञ
(politician)
किसी
विचारधारा पर चलता है लेकिन
समझौते भी करता चलता है,
वह
विचारधारा से हट भी जाता है
ताकि सत्ता में बना रहे.
उसके
वादे कोई गारंटी नहीं देते.
उसके
अस्तित्व की सार्थकता सत्ता
में या सत्ता के पास रहने में
है.
वह
मुद्दों की छीना-झपटी
करता है और मुद्दों का उत्पादन
करता है.
वह
कसम तो संविधान की खाता है
लेकिन कार्य पार्टी के एजेंडा
पर करता है,
जैसे
-
युद्ध,
दंगे,
गाय,
हिंदुत्व,
धर्म
आदि.
उसका
कार्यकर्ता (political
worker, activist) उसके
एनेक्सचर-सा
होता है,
स्थान
दोयम दर्जे का और कुल मिला कर
इस्तेमाल करने योग्य.
राजनीतिज्ञ
की पहचान उसकी राजनीतिक समझ
है और राजनीतिक कार्यकर्ता
अपनी सामाजिक सक्रियता और
सामाजिक कार्य से सम्मान पाता
है.
अपने
नेता की गलती का परिणाम जनता
के साथ-साथ
कार्यकर्ता भी भुगतता है.
जब
कोई कार्यकर्ता ख़ुद राजनीतिज्ञ
बन जाता है तो समाज को सीधे
तौर पर नुकसान होता है.
- Home
- MEGHnet - मेघनेट - दो शब्द
- Megh: Myth and history
- मेघ-सभ्यता
- Megh Mala
- अतीत की पड़ताल
- Kabir
- Megh Weblog वेबलॉग
- MEGHnet YouTube
- ਮੇਘ ਜਨ ਸਮੁਦਾਇਆਂ ਦੀਆਂ ਦੇਹੁਰੀਆਂ (हिंदी अनुवाद सहित)
- Historians Tell-इतिहासकारों की कलम से
- Our Pioneers
- मेरी धार्मिक यात्रा
- हमारे सामाजिक संगठनों की कथा
- राज बोस
- Megh Matrimonial
- BhagatShadi
- Our heroes
- अछूतपन मुक्ति संघर्ष
- मेघवंश - ऐतिहासिक राजवंश
- An investigation into History
- Megh Caste - मेघ जाति
- मेदे, मद्र, मेग, मेघ
- Seminar-2 - सेमिनार-2
- गोत्र (gotra) प्रथा
- Seminar-1 - सेमिनार-1
- Meghs of India
- Prehistoric Meghs
- Megh Bhagat
- मेघऋषि - Megh Rishi
- ज़रूरी मुद्दा
- वीर योद्धा
- W.W.-II के मेघ योद्धा
- Kabirpanthis of Punjab
- PDFs

"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह

Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment