"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


03 October 2018

Dr. Ambedker and Sir Chhotu Ram - डॉ आंबेडकर और सर छोटूराम


किसी भी व्यक्ति को उसकी दो-एक बातों के संदर्भ में नहीं बल्कि उसके संपूर्ण कथन या वांग्मय से जानना चाहिए. युवावस्था में उसने चाहे जो भी अच्छा कहा हो उसकी उन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो वह अपने क्षेत्र में परिपक्व होने के बाद कहता है. सर छोटूराम ने अपने जीवन में एक सामाजिक क्रांति ला दी थी जिससे वंचित समाज को लाभ हुआ. उनका जीवन लंबा रहा होता तो कम से कम उत्तर भारत में उनके कार्य का प्रभाव बहुत व्यापक रूप से पड़ा होता. प्रभाव तो आज भी है. ध्यान से देखें तो डॉ. आंबेडकर के कई कार्यों में सर छोटूराम की विचारधारा को भी शामिल देखा जा सकता है. इस विषय पर और अधिक अध्ययन की ज़रूरत है.


1 comment:

  1. सहमत आपकी बात से ... ऐसे अध्याय होते रहना ज़रूरी है समाज में ...

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