"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


06 November 2012

Bharat Jansandesh भारत जनसंदेश - Dalit Media-4 - दलित मीडिया-4 -

दलित मीडिया पर कुछ पोस्ट्स मैंने यहाँ, यहाँ, और यहाँ लिखी हैं. इस विषय में कई लोगों और संगठनों से बात हुई है. सभी का मत एक है कि दलितों (शूद्रों का भी कहना होगा) का अपना मीडिया होना चाहिए जो उनका पक्ष ईमानदारी से रखे.

हर राजनीतिक पार्टी का अपना एक मुख-पत्र है. ऐसे ही कई संगठनों, जैसे आरएसएस, शिवसेना, बामसेफ आदि के मुख-पत्र हैं.

04-11-2012 को बामसेफ की एक बैठक में संयोग से एक सज्जन जय प्रकाश से भेंट हुई जिन्होंने भारत जनसंदेश की एक प्रति मुझे दी. यह इस समाचार-पत्र के पहले अंक (25 सितंबर से 24 अक्तूबर 2012) की प्रति थी जिसके पृष्ठों के फोटो नीचे दिए हैं.

अब तक दलित समुदायों के जितने समाचार-पत्र मेरी जानकारी में आए हैं यह उनसे बेहतर है, लगभग संपूर्ण समाचार-पत्र.

पहली नज़र में यह बसपा का मुख-पत्र प्रतीत होता है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई. पहले एडिशन से इसके भावी रूप-रंग का संकेत मिल जाता है. अभी उसके विस्तार में नहीं जाना चाहता. फिलहाल शुभकामनाएँ.


भारत जनसंदेश की वेबसाइट मिली- Bharat Jansandesh 











फेसबुक से प्राप्त फोटो जानकारी


MEGHnet

8 comments:

  1. सबसे अच्छा तो यह है कि सारा मीडिया हर वर्ग के मुद्दे बिना भेदभाव के सामने लाये .....

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  2. Aapke Kaaran Hume Bhi Jaankari mil gayi Bhushan ji.Vrna Hume pata hi na chalta is baare me

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    1. कोशिश रहती है कि कुछ नई जानकारी मेरे पाठकों को मिले. आपका आभार संजय जी.

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    2. sir jai bhim jai bhim
      sir mai is masik patrika ko shuru karwana chahta hu.
      iske bare me mujhe jankari de athwa mera margdashan kare.
      hum ye masik patrika BHARAT JANSANDES kese pa sakte hai.

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  3. बहुत अलग हटकर जानकारी देती आपकी यह पोस्‍ट
    आभार आपका

    सादर

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  4. जय भीम
    श्रीमान जी मै ये मासिक पत्रिका भारत जनसन्देस शुरू करवाना चाहता हु।
    इसके लिए मुझे क्या करना होगा। अथवा मै ये पत्रिका केसे पा सकता हु।
    जानकारी देने का कष्ट करे।
    धन्यवाद
    जगदीश मेघवाल

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  5. अच्छी जानकारी है ... ओर सही है आपका चिंतन ...

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