The Unknowing Sage

30 April 2015

Megh Bhagaton Ki Derian - मेघ भगतों की देरियाँ

जम्मू और पंजाब में बसे मेघों की बीरदारी में कोई ठीक-ठाक दिखने वाला ज़ुबानी इतिहास नहीं है इसलिए लिखे इतिहास का कोई सवाल ही नहीं. लेकिन हाल ही के कुछ वर्षों में इस पर का हुआ है

इस जाति के पूजा स्थलों के छोटे से दिखने वाले विषय पर डॉ. ध्यान सिंह ने अपनी पीएचडी की डिग्री के लिए लिखे शोधग्रंथ में पहली बार कलम चलाई. इन पूजा स्थलों को देरियाँ कहा जाता है. हर गोत्र की अपनी देरी (देवरा, देहुरी, देवरी) है, सबकी अपनी-अपनी कथा-कहानी है लेकिन ब्यौरा बहुत कम है. इस विषय पर एक प्रेज़ेंटेशन मैंने बनाई और उसे यूट्यूब पर डाला है. इसे फेसबुक पर भी डाला था और अच्छा लगा जब यह घूमती-घामती वाट्सअप से मुझ तक पहुँच गई. :) इसे आप नीचे दिए लिंक पर देख सकते हैं.



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