जातियो
में बँटे लोग एक नहीं हो पाते
क्योंकि वे गुलामी के सिस्टम
में पले होते हैं. हर जाति के नीचे कोई न कोई जाति या समूह है. उदाहरण के लिए मेघों
को लगता है कि वे चर्मकारों
से बेहतर हैं.
यानि
एक गुलाम इस लिए खुश है कि उसे
दूसरे के मुकाबले एक कोड़ा
कम पड़ा है.
इसे
आप गर्व कह लें,
अभिमान
कह लें.
No comments:
Post a Comment