बीजेपी
ने जातिगत जनगणना का पिटारा
दिखाया और बिना खोले फिर झोले में रख लिया.
इस
मामले पर बीजेपी और कांग्रेस
का रवैया एक-सा रहा है.
ज़ाहिर
है इसमें सवर्ण बनाम अन्य की
गिनती का फैक्टर काम कर रहा
है.
कल
एनडीटीवी के प्राइम टाइम
कार्यक्रम में रवीश ने इसी
विषय पर एक बहस आयोजित की थी
जिसे यहाँ सहेज रहा हूँ.
हालाँकि
कोई भी टीवी बहस निष्कर्ष नहीं
दे पाती परंतु उक्त कार्यक्रम
में संबित पात्रा का असहज हो जाना काफी कुछ कह गया.
इस
विषय पर कुछ वर्ष पहले दिलीप
सी मंडल का एक आलेख 2010
में
जनसत्ता में छपा था जिसे मैंने
अपने अपनी एक गूगल साइट पर सहेजा था.
उसका
लिंक भी नीचे दिया है.
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