"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


Megh Caste - मेघ जाति

इस साइट पर अधिकतर मेघ/मेघ वंश की बात की गई है और कहीं-कहीं उससे जुड़ी पौराणिक कहानियों का उल्लेख किया गया है. मेघ एक वंश (Race) है जिसमें से बहुत-सी जातियाँ निकली हैं जो भारत के लगभग सभी प्रदेशों में बसी हैंउनके कई नाम ऐसे हैं जिन्हें भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रहने वाले मेघ पहचान नहीं पाते. मेघ वंश (Race) अन्य देशों में भी बसा है. गूगल करने पर कुछ न कुछ जानकारी मिल जाती है. वैसे 'मेघ' शब्द का एक अर्थ 'कबीला (Tribe)' भी है.

भारत में बसे कई 'वंशोंका 'जातियोंमें बँटवारा उस व्यवस्था की देन है जिसे मनुवादी व्यवस्था कह दिया जाता है. उसी मेघ वंश का एक हिस्सा वो 'मेघ जाति' है जो जम्मू और पंजाब में बसी है. हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल और यूपी तक इस जाति के लोग बसे हैं. 

पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बसी 'मेघ जातिपर पहली विस्तृत और प्रामाणिक जानकारी मुझे डॉध्यान सिंह के शोध ग्रंथ के रूप में उपलब्ध हुई जिसे आप इन लिंक्स पर क्लिक करके या गूगल सर्च में Kabirpanthis's of Punjab या Dr. Dhian Singh - History of Meghs/Bhagats टाइप करके देख पाएँगेश्री एम.आरभगत की लिखी पुस्तक मेघमाला Meghmala दूसरी पुस्तक है जिसमें मेघ जाति के बारे में काफी जानकारी मिल जाती है

श्री आर.एलगोत्रा के लिखे लंबे आलेख Meghs of India में मेघ वंश के प्राचीन इतिहास के साथ-साथ पंजाब-जम्मू-कश्मीर की मेघ जाति का कुछ आधुनिक इतिहास आपको मिल जाएगा.
इस जाति के बारे में डॉ नवल वियोगी की पुस्तक 'मद्रों और मेघों का प्राचीन और आधुनिक इतिहास' बहुत महत्वपूर्ण है.



अन्य संबंधित जानकारियों के लिंक:-


No comments:

Post a Comment