"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


22 August 2013

His Holiness - पवित्र विभूति


हिज़ होलीनेस, पवित्र विभूति जी महाराज के विरुद्ध कुछ कहना आम आदमी के लिए जान पर खेलने के बराबर है.

भगवान पर विश्वास जमाने के लिए पाखंड जगाना पड़ता है और, हालाँकि, पवित्र विभूति द्वारा हत्या या बलात्कार करना अलग बात है, उन्हें ऐसे कर्मों की सज़ा नहीं हो पाती थी.

ये बड़े संत-महात्मा किसी न किसी राजनीतिक दल या धार्मिक बॉस से जुड़े हैंधर्म का ऐसा दबदबा बिना अधर्म किए नहीं हो सकता

सरकारें-अदालतें यदि न्याय और शांति के प्रति गंभीर होतीं तो सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक जुलूस-जलसे निकालने, लाऊडस्पीकर बजाने पर पाबंदी लग गई होती. लेकिन धर्म और राजनीति सत्ता के खेल की टीम ''/'बी' हैं. दोनों का कर्म एक ही है- जनता को झूठे सपने दिखाना. एक ही मंच पर पहला कहता है- ''आपका विकास अवश्य होगा'', दूसरा तुरत बोलता है- ''भगवान पर विश्वास रखो''. है न जादुई जुगलबंदी !!

धर्म ज़बरदस्त मलाईदार धंधा है. बेरोज़गार युवा इसमें आने लगे हैं. ये 'बालब्रह्मचारी' बहुत जल्द अपने आश्रमों में सात जनम की 'मौज-मस्ती' का सामान इकट्ठा कर लेते हैं.

दूसरी ओर कुछ गैर सरकारी संगठन ऐसे लोगों को दंड दिलाने के लिए सक्रिय हो गए हैं. जय हो !! 


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