धर्म-
अपहरणकर्ताओं
के एक संगठन की तरह होता है जो
युद्ध जैसी तैयारी के साथ आते
हैं और आपको अचानक पता चलता
है कि आप खतरे में हैं.
वह
आपको स्थिर रहने के लिए कहता
है,
हिलने
पर एकाध को मार देता है.
बीच-बीच
में भोजन देता है,
सवाल
पूछने पर धमकाता, मारता-पीटता है. लंबी अवधि के दौरान वह अपने मतलब की चीज़ आपसे लेता है, कभी आपको त्यौहार की मिठाई देता है,
उपहार देता है,
आपकी
कलाई में प्रेम-दोस्ती का धागा बाँधता
है.......आप उसकी बातें मानने लगते हैं. समय
बीतने के साथ आपको लगने लगता
है कि आप उसकी निगरानी में
सुरक्षित हैं और वह आपको मानवीय, अच्छा,
अपना-सा
और प्यारा लगने लगता है.
आप
भूल जाते हैं कि वास्तव में
आप उसकी दहशत में जी रहे हैं.
(Stockholm
syndrome की
परिभाषा के संदर्भ में)
आप बहुत अच्छे हैं! मैं आपकी वंदना करता हूँ!! |
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