माननीय शरद यादव जी को कई बार संसद में बोलते सुना है और हर बार लगा है कि वे भारत के जन-जन की आवाज़ और आकांक्षाओं को वो अभिव्यक्ति दे रहे हैं जिसकी वे हकदार हैं लेकिन जिनका हक़ हर बार मारा गया है. सत्ता ने भारत की जनता के लिए कितना किया है और कितना नहीं किया गया या करना ही नहीं चाहती वो सब उनके शब्दों और स्वर की खनखनाहट में स्पष्ट झलकता है. एक राजनीतिक विचारक के रूप मेरी नज़र में वे बेजोड़ हैं. उनका हाल ही का एक वीडियो लोकसभा टीवी पर रखा गया है जिसे यहाँ शेयर कर रहा हूँ. मेघनेट के पाठकों से इस अनुरोध के साथ कि आप इसे देखें. इससे आपको भारत के उस पक्ष को समझने में मदद मिलेगी जो अकसर हमारी पकड़ से बाहर होता है.
The Unknowing Sage
- Home
- MEGHnet - मेघनेट - दो शब्द
- Megh: Myth and history
- मेघ-सभ्यता
- Megh Mala
- अतीत की पड़ताल
- Kabir
- Megh Weblog वेबलॉग
- MEGHnet YouTube
- ਮੇਘ ਜਨ ਸਮੁਦਾਇਆਂ ਦੀਆਂ ਦੇਹੁਰੀਆਂ (हिंदी अनुवाद सहित)
- Historians Tell-इतिहासकारों की कलम से
- Our Pioneers
- मेरी धार्मिक यात्रा
- हमारे सामाजिक संगठनों की कथा
- राज बोस
- Megh Matrimonial
- BhagatShadi
- Our heroes
- अछूतपन मुक्ति संघर्ष
- मेघवंश - ऐतिहासिक राजवंश
- An investigation into History
- Megh Caste - मेघ जाति
- मेदे, मद्र, मेग, मेघ
- Seminar-2 - सेमिनार-2
- गोत्र (gotra) प्रथा
- Seminar-1 - सेमिनार-1
- PDFs
- Kabirpanthis of Punjab
- Meghs of India
- Prehistoric Meghs
- Megh Bhagat
- मेघऋषि - Megh Rishi
- ज़रूरी मुद्दा
- वीर योद्धा
- W.W.-II के मेघ योद्धा
- The Unknowing Sage
- नवल वियोगी की खोज
"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment