"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


13 February 2018

National Conference, Sheikh Abdullah and Meghs - नेशनल कान्फ्रेंस, शेख अब्दुल्ला और मेघ

Sheikh Abdullah
जम्मू कश्मीर के मेघ भगतों की सामाजिक और आर्थिक हालत पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में बसे मेघों की तुलना में बेहतर है. इसकी वजह है. ऐसा क्यों हुआ इसका कारण सबसे पहले मुझे डॉक्टर ध्यान सिंह के थीसिस ‘“पंजाब में कबीर पंथ का उद्भव और विकास” नामक शोधग्रंथ से मिला जिसमें डॉक्टर सिंह ने उल्लेख किया था कि शेख अब्दुल्ला द्वारा लागू भूमि सुधारों के कारण बहुत से मेघ जमीनों के मालिक बन गए और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ. यही कारण है कि वे सामाजिक अत्याचार का कम शिकार हुए. नेशनल कांफ्रेंस की नीतियों के कारण उन्हें निश्चित रूप से लाभ हुआ. पिछले कुछ वर्षों के दौरान जम्मू कश्मीर में मेघ भाजपा के प्रभाव में आए और उन्होंने BJP और पीडीपी को वोट देकर सत्ता में बिठाया. मेरी राजनीतिक समझ की बहुत सीमाएं हैं लेकिन पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल का एक वीडियो देखा है जो बहुत अच्छा लगा. उसे नीचे एंबेड कर रहा हूं. इसमें भूमिसुधारों को लेकर शेख अब्दुल्ला की भूमिका पर कुछ प्रकाश डाला गया है. इस वीडियो के कंटेंट का अध्ययन करने की ज़रूरत है.





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