"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


25 September 2010

Baba Faqir Chand - Key to Religion

People are running from place to place in search of happiness and peace. Make a sincere search for your ideal within you. Enjoy the bliss after finding your ideal from within. This is the teaching of Santmat. Why you run to various directions? Everything is within you. I have revealed its secret to you in very simple words. You dwell in Him and He dwells in you. You can behold Him in any form you love, such as a son, brother or husband. His form within depends upon your intention and wish. But unfortunately nobody speaks the truth to you.

खुशी और शांति की तलाश में लोग यहाँ-वहाँ भाग रहे हैं. अपने इष्ट की सच्ची तलाश अपने अंतर में करो. अपने इष्ट को अंतर में ढूँढ कर आनंद लो. यही संतमत की शिक्षा है. क्यों इधर-उधर भागते फिरते हो? सब कुछ तुम्हारे अंतर में है. मैंने आसान लफ़्ज़ों में यह राज़ तुम को बता दिया है. तुम उसमें रहते हो, वह तुम में रहता है. तुम उसे जिस रूप में प्रेम करते हो उसी रूप में उसे देखते हो जैसे बेटा, भाई या ख़ाविंद (पति). उसका रूप वैसा होता है जैसी तुम्हारी नीयत और चाह होती है. लेकिन बदकिस्मती कह लो कि कोई तुम्हें सच्चाई नहीं बताता.

(From: Jeevan Mukti)

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