देश की दलित (संघर्षशील) जातियाँ बहुत समय से इस प्रतीक्षा में हैं कि देश में उनका अपना मीडिया हो जो दलितों की बात करे और उनका पक्ष सच्चाई के साथ रखे. दलित मीडिया अब स्वरूप ग्रहण करने लगा है.
दलित साहित्य अकादमियों के रूप में कई जगह कार्य हुआ है. दलितों के पक्ष को शिद्दत से रखने वालों में एक पत्रकार वी. टी. राजशेखर शेट्टी (V.T. Rajshekhar) हैं. उनका कुछ साहित्य मैंने पढ़ा है. वे एक पत्रिका और Dalit Voice नाम की वेबसाइट चलाते रहे हैं जिसे काफी पढ़ा जाता रहा है. कुछ देर से वह दिख नहीं रही है. सुना था कि राजशेखर का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था. आपका आभार राजशेखर जी. आपकी कुर्बानी का मूल्यांकन आगे चल कर होगा.
इन दिनों लॉर्ड बुद्धा टीवी नामक चैनल शुरू हुआ है जो डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं से प्रेरित है.
इधर कई दलित समुदायों ने अपने प्रकाशन निकाले हैं. मेघ समुदायों ने इस दिशा में कार्य किया है जिसे मैंने यहाँ और यहाँ संजोया है. कितने प्रकाशन धन की कमी के कारण बंद हो गए इसका हिसाब हो सकता है. इस दृष्टि से मुझे लगता है कि न्यूज़ लेटर और इश्तेहार बेहतर विकल्प हैं जो सस्ते पड़ते हैं जिन्हें आगे चल कर पुस्तक रूप में छापा जा सकता है.
बामसेफ के एक कार्यक्रम के दौरान एक पत्रिका देखी Forward. इसका फरवरी 2012 का अंक अभी हाल ही में देखा है. इसमें दिए आलेख ओबीसी का पक्ष सामने रखते हैं साथ ही दलितों के संदर्भ में राजनीति संतुलनों का नाप-तौल भी करते हैं. इसमें ओबीसी के लिए एक जीवन-दर्शन विकसित करने का प्रयास है जो बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप फेसबुक पर लॉगइन करके बैठे हैं तो इसे यहाँ देख सकते हैं.
इन दिनों मेरी नज़र से महत्वपूर्ण कार्य बामसेफ (मेश्राम) कर रहा है इसका मिशन बहुत बड़ा है. मेरे लिए नई जानकारी थी कि बामसेफ लखनऊ से हिंदी में और पुणे से मराठी में अपना दैनिक समाचार-पत्र निकालता है. आवधिक पत्रिकाएँ भी प्रकाशित की जा रही हैं. एक प्रकाशन से पता चला है कि उन्होंने बहुत-सी उपयोगी पुस्तकों का प्रकाशन किया है जो सस्ती दरों पर उपलब्ध है. इनकी उपलब्धता के बारे में आप निम्नलिखित पतों से जानकारी ले सकते हैं. (इन चित्रों पर क्लिक कीजिए और स्पष्ट पढ़ पाएँगे.)
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