जब मेरे घर पर कंप्यूटर और इंटरनेट आया तो तुरत ‘मेघ’ और ‘भगत’ शब्दों की तलाश की. काफी ढूँढने के बाद ‘भगत महासभा’ की ब्लॉग साइट्स दिखीं जहाँ मेघ-भगत समुदाय की बात थी. इससे मुझे बहुत खुशी हुई. भगत महासभा ने एसएमएस सेवा के माध्यम से भी कार्य किया और जम्मू में बड़े पैमाने पर कबीर जयंती के कार्यक्रम भी आयोजित किए.
सोशल मीडिया पर मेघों की सबसे अधिक सक्रिय सामाजिक संस्था देखें तो भगत महासभा सबसे ऊपर दिख जाती है. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजकुमार ‘प्रोफेसर’ ने सोशल मीडिया का उपयोग करने में काफी पहलकदमियाँ की हैं. मैं उन्हें युवावस्था से जानता हूँ जब वे पंजाब यूनीवर्सिटी में पोलिटिकल सांइस में एम.ए. कर रहे थे. तब प्यार से हम उन्हें ‘प्रोफेसर’ कह देते थे जो आगे चल कर उनका निकनेम जैसा बन गया - ‘प्रोफेसर’ राजकुमार.
पंजाब के मेघ भगतों के कई सामाजिक संगठन हैं जिनके बारे में कुछ जानता हूँ और उनके बारे में जब भी कोई जानकारी हाथ लगी उसे मेघनेट पर संजो कर रख लिया. राजकुमार जी की गतिविधियाँ अधिक देखने को मिलीं. इन्होंने अत्यधिक विरोध के बावजूद डॉ. अंबेडकर की विचारधारा पर अपना स्टैंड साफ़ और मज़बूती के साथ रखा है.
पिछली बार 02 जुलाई, 2017 को जब मैं जालंधर में था तो श्री आर.एल. गोत्रा जी के निवास पर उनसे मुलाकात हुई और उनसे हुई औपचारिक बातचीत को मैंने रिकार्ड कर लिया जिसका लिंक यहाँ है.
No comments:
Post a Comment