"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


23 May 2015

Kabir - Marvelous - कबीर - अद्भुत

वैसे तो कबीर सदियों से बहुजनों के दिल में बसे हैं लेकिन मेघों का उनसे जुड़ाव शायद तब से बढ़ा है जबसे मेघ भगत 'सिंह सभा' लहर के प्रभाव में आकर कबीरपंथी बने. जम्मू और पंजाब में बहुत से कबीर मंदिर बनाए गए हैं. इन मंदिरों की इतनी गिनती तो हैं ही कि उनको कब्ज़ाने की होड़ लग जाए. चढ़ावा कितना चढ़ता है मैं नहीं जानता. वैसे मेरी नज़र भक्तिभाव की अपेक्षा चढ़ावे को अधिक देखती है और चढ़ावे को समुदाय की तरक्की के ज़रिए के तौर पर देखती है.      

कबीर को अब तक जैसा समझा है उस पर मैंने एक प्रेज़ेंटेशन बनाया है जो मेरा ज़ाती नज़रिया है. दूसरे जैसा सोचते-मानते हैं उसका स्वागत है. आप भी अपना फैसला आप कीजिए

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