पुरातत्वविद एलेग्ज़ेडर
कंन्निघम आदि पुरातत्व वेत्ताओं का ऐसा
मत है कि प्राचीन काल के मेगरी, मेगल्लाए ही वर्तमान समय के मेग या मेघ हैं. नृविज्ञान
(anthropology) और अन्य इतिहासिक कड़ियों से मेघवाल भी मेगरी और मेगल्लाए से आ जुड़ते
हैं. इन सभी शब्दों के मूल में मेग और मेगल्लाए की परंपरा है. इनकी सिंध से लेकर मेगरा
तक कई बस्तियां थीं और प्राचीन काल में इस क्षेत्र के विभिन्न भूभागों पर उनका राज्य
था. यूनान (ग्रीस) के एगॉस्तना (Aigosthena) में मेगारी लोगों का एक प्रसिद्ध बंदरगाह
भी था. वहाँ से 19 किलोमीटर दूर मेगारी नगर था जहाँ से मेगों के सिक्के मिले हैं. इसी
नगर को कभी मेगरा भी कहा गया. उस नगर को आजकल पोर्टो जरमेनो कहा जाता है. एगॉस्तेना,
मेगरी नगर के अलावा पगे (Pagae) नगर में भी मेग श्रृंखला के सिक्के प्राप्त हुए हैं.
ये तीनों शहर मेगों के थे. ये सिक्के ईसा से तीसरी-चौथी शताब्दी पूर्व के हैं. ऊपर
दी गई जानकारी ताराराम जी ने एक पोस्ट के माध्यम से दी है. उनके द्वारा संदर्भित पुस्तक और उसमें दी गई सिक्कों
संबंधी जानकारी के चित्र यहाँ नीचे दिए गए हैं.
श्री आर.एल. गोत्रा और ताराराम जी समय-समय पर बताते रहे हैं कि मेघों
का प्राचीन इतिहास जानना हो तो दक्षिण-पश्चिम एशिया के इतिहास को व्यापक रूप से पढ़ना
होगा. अब चूँकि ताराराम जी इस पर कार्य कर रहे हैं इसलिए मुझे अधिक नहीं कहना है सिवाय
इसके कि मुझे रांझाराम का ध्यान हो आया और अपने बड़े भाई का भी जिन्होंने कभी कहा था कि सिकंदर
हमें ढूँढता हुआ ही इधर आया था.
तथ्यान्वेषी इतिहास ।
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