श्री एन.सी. भगत ने कई वर्ष तक ऑल इंडिया मेघ सभा की पत्रिका ‘मेघ चेतना’’ का कार्यभार देखा है और पत्रिका को चलाए रखा है. उनसे डॉक्टर नवल वियोगी की पुस्तक ‘Nagas - The Ancient Rulers of India’ के बारे में बातचीत हो रही थी. उस उस पुस्तक में मेघों के बारे में जिक्र है और यह उस काल से संबंधित है जिसे पहले ‘अंधकारकाल’ के नाम से इतिहास में पढ़ाया जाता था. सौभाग्य से भगत जी के पास यह पुस्तक उपलब्ध थी. उन्होंने वह पुस्तक मुझे दी. इस पुस्तक में दो जगह मेघों का उल्लेख है. पुस्तक के उन दोनों पृष्ठों की फोटो नीचे दी गई है. इसमें क्या लिखा है पढ़ लीजिए. यह उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी होगा जो मानते हैं कि मेघों का अतीत बहुत पुराना नहीं है और कि वे जम्मू और स्यालकोट से होते हुए भारत विभाजन के बाद जालंधर, अमृतसर आदि जगहों पर आ बसे थे. इससे अधिक टिप्पणी की आवश्यकता नहीं.
श्री एन.सी. भगत ने बताया कि डॉ. नवल वियोगी अपनी एक अन्य (संभवतः मेघ समुदाय पर अधिक प्रकाश डालने वाली) पुस्तक का लोकार्पण मेघ समुदाय के एक जन-प्रतिनिधि से कराना चाहते थे. लेकिन वो हो न सका. शायद डॉ. नवल वियोगी उक्त विषय पर एक व्याख्यान देने के भी इच्छुक थे. लगभग दो वर्ष पहले डॉ. नवल का देहावसान हो गया था.
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