पुरातन काल में अग्निपरीक्षा में केवल स्त्रियों को ही बैठने की अनुमति होती थी. यदि वो पास हो जाती तो भी कई बार राजा उसे सज़ा देता और राज्य से निकाल देता था. तब राजा के अति बुद्धिमान संकटमोचक सेवक हमेशा के लिए मौनव्रत धारण कर लेते थे. How sweet!
अब
आधुनिक काल में जिन बच्चों
को होलिका जलाने की खुशी भरी
आदत है उनकी ''दहेज
हत्या''
नामक नाटक
की रिहर्सल बचपन में ही हो
जाती है.
How sweet!
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