"इतिहास - दृष्टि बदल चुकी है...इसलिए इतिहास भी बदल रहा है...दृश्य बदल रहे हैं ....स्वागत कीजिए ...जो नहीं दिख रहा था...वो दिखने लगा है...भारी उथल - पुथल है...मानों इतिहास में भूकंप आ गया हो...धूल के आवरण हट रहे हैं...स्वर्णिम इतिहास सामने आ रहा है...इतिहास की दबी - कुचली जनता अपना स्वर्णिम इतिहास पाकर गौरवान्वित है। इतिहास के इस नए नज़रिए को बधाई!" - डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह


12 March 2015

Fore ordeal - अग्निपरीक्षा

पुरातन काल में अग्निपरीक्षा में केवल स्त्रियों को ही बैठने की अनुमति होती थी. यदि वो पास हो जाती तो भी कई बार राजा उसे सज़ा देता और राज्य से निकाल देता था. तब राजा के अति बुद्धिमान संकटमोचक सेवक हमेशा के लिए मौनव्रत धारण कर लेते थे. How sweet!

अब आधुनिक काल में जिन बच्चों को होलिका जलाने की खुशी भरी आदत है उनकी ''दहेज हत्या'' नामक नाटक की रिहर्सल बचपन में ही हो जाती है. How sweet!


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