"What for there are
religious conflicts? What for you have divided human race
on the basis of religions and sects? It is ignorance. Government may take million of measures, it is very difficult to bring
about unity, and we can say that it is impossible. In 1921 Hindus and Muslims
drank water in a shared cup at a function held at Delhi's Jama Masjid and then
same Hindus and Muslims beheaded each other in 1947. Unity
is not unity if there is greed or fear at its base. This
is a temporary unity. When it was matter of forming self
government Hindus and Muslims made a unity but after getting it they divided it
into pieces. They made it split into Pakistan
and India. Mankind immersed in the ignorance. The only
remedy to it is teaching of Santmat, the teaching of our sages. People opine that religion should not be mingled with politics. I say that if there is no religion in the politics of governing body, it
will not be possible to administer governance." (from Sat Sanatan Dharm: by Baba Faqir Chand)
"किस लिये धार्मिक जगत में आकर झगड़ा मचाया हुआ है? तुमने किस लिये मानवजाति को विभिन्न धर्म-सम्प्रदायों में बाँट दिया है? यह सब अज्ञान है. गवर्नमैंट लाख प्रयत्न करे, बिना इस अज्ञान के मिटाये एकता लाना महाकठिन है या यूँ कह लो असम्भव है. 1921 में हिन्दू-मुसलमानों ने दिल्ली की जामा मस्जिद में एक प्याले में पानी पिया और फिर उन्हीं हिन्दू-मुसलमानों ने 1947 में एक-दूसरे के सिर काटे. जो एकता लालच देकर की जाती है या डरा कर की जाती है, वह एकता नहीं है. यह अस्थाई एकता है. जब स्वराज लेना था तो हिन्दू-मुसलमान इकट्ठे हो गये और जब मिल गया तो टुकड़ों की तरह बाँट लिया. कहीं पाकिस्तान बना. कहीं कुछ बना. मानव जाति इस अज्ञान में डूब गयी. इसका एक मात्र इलाज है सन्तमत की शिक्षा, हमारे ऋषियों की शिक्षा. लोग कहते हैं राजनीति (Politics) को धर्म से अलग रखो. मैं कहता हूँ कि जब शासन की राजनीति में धर्म नहीं रहेगा, शासन नहीं चलेगा.” (बाबा फकीर चंद, पुस्तक ‘सत सनातन धर्म’ से.)
MEGHnet
9 comments: